अपनी ज़ुल्फ़ों को सितारों

अपनी ज़ुल्फ़ों को सितारों के हवाले कर दो
#शहर-ए-गुल बादागुसारों के हवाले कर दो

तल्ख़ि-ए-होश हो या मस्ती-ए-इदराक-ए-जुनूँ
#आज हर चीज़ बहारों के हवाले कर दो

मुझ को यारो न करो रहनुमाओं के सुपुर्द
#मुझ को तुम रहगुज़ारों के हवाले कर दो

जागने वालों का तूफ़ाँ से कर दो रिश्ता
#सोने वालों को किनारों के हवाले कर दो

मेरी तौबा का बजा है यही एजाज़ ‘अवि’
#मेरा साग़र मेरे यारों के हवाले कर दो....

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